kya aage devuthanee ekaadashee aapake vivaah yog ko banaen?
देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को भगवान विष्णु के चार महीने के शयनकाल के समाप्त होने का संकेत माना जाता है। इसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है, खासकर विवाह से जुड़े कार्यों की। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या देव उठनी एकादशी आपके विवाह योग को सशक्त बना सकती है? जो लोग विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह दिन आपके विवाह योग को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है। देव उठनी एकादशी का महत्व देव उठनी एकादशी का महत्व पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है। इस दिन को भगवान विष्णु के जागरण का पर्व माना जाता है, जिसके बाद धार्मिक अनुष्ठान, विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो विवाह में देरी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से कुंडली में विवाह से संबंधित दोषों को कम किया जा सकता है और विवाह योग को बल मिलता है। कुंडली में विवाह योग कैसे बनता है? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की कुंडली में विवाह योग बनने के लिए कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं। कुंडली के सातवें भाव, शुक्र ग्रह, गुरु ग्रह और दारकारमाण (दारा कारक) ग्रह का स्थान और उनके संबंध विवाह योग को प्रभावित करते हैं। यदि किसी की कुंडली में कुछ दोष होते हैं, तो उस व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है। देव उठनी एकादशी पर व्रत और पूजा करना कुंडली में इन दोषों को शांत कर सकता है और विवाह योग को सशक्त बना सकता है। देव उठनी एकादशी पर विवाह योग को सशक्त करने के उपाय देव उठनी एकादशी के दिन किए गए कुछ विशेष उपाय आपके विवाह योग को सशक्त बनाने में सहायक हो सकते हैं। यहां कुछ आसान उपाय दिए गए हैं: भगवानविष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और पीले फूल चढ़ाएं। व्रतऔर अनुष्ठान: इस दिन व्रत करने और विष्णु मंत्रों का जाप करने से कुंडली में विवाह से संबंधित दोषों का शमन होता है। दानऔर सेवा: गरीबों को दान देने से भी कुंडली के दोषों का प्रभाव कम होता है और विवाह योग मजबूत होता है। इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करने का विशेष महत्व है। मंत्रजाप: विवाह के योग को सशक्त बनाने के लिए इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, जैसे “ॐ लक्ष्मीनारायणाय नमः” का जाप। इससे कुंडली के दोषों में कमी आती है। क्या इस एकादशी पर विवाह निश्चित हो सकता है? ज्योतिष में मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर किए गए उपाय और पूजा विवाह के लिए शुभ फल प्रदान कर सकते हैं। इस दिन का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा से कुंडली के दोष शांत हो सकते हैं, जिससे विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर किया जा सकता है। हालांकि, सटीक परिणाम के लिए जन्म कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है। इसलिए, कुंडली का अध्ययन करके व्यक्ति के विवाह योग को समझना और आवश्यक उपाय करना बेहतर होता है।
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